कुदरत सुनती है, विश्‍वास करें

15/02/2012 07:01

आज हम जितनी भी वस्‍तुओं का आनंद ले रहे हैं, वह सब पहले किसी की कल्‍पनाएं थी, बाद में हकीकत में तब्‍दील हुई। जब तक कोई कल्‍पना नहीं करता, तब तक किसी चीज का अस्‍तित्‍व में मुश्‍किल ही नहीं असंभव है।

जो सिस्‍टम जेबीएम परिवार लेकर आया है, उसकी कल्‍पना भी बहुत सारे लोगों द्वारा की जा रही थी, लेकिन साहस केवल सूरत में रहने वाले श्री अशोक मंगुकिया ने किया। यकीन नहीं आ रहा तो एक बार सोचिए, जब आपको कोई कहता था कि फलां कंपनी में शामिल हो जाओ, लेकिन यह लेना जरूरी है, तो क्‍या आपका सवाल यह नहीं होता था, क्‍या राशन से ज्‍वॉइनिंग नहीं हो सकती।

सच में ऐसा केवल आप ने ही नहीं, कुदरत को करोड़ों लोगों ने बोला होगा, अचानक से, एकाएक से। कुदरत हर बात को गौर से सुनती है, और एक दिन पूरा करती है, जेबीएम सिस्‍टम भी उस कुदरत के बनाए एक व्‍यक्‍ित के दिमाग की उपज है, जो आज सब को अच्‍छा एवं बढ़िया लग रहा है।

जेबीएम टीम