लोग सवाल क्यों पूछते हैं ?
03/02/2012 06:50
हम एमएलएम कैसे करें? लोग सवाल बहुत पूछते हैं, वास्तविकता यह है कि आप भी सवाल ही पूछ रहे हैं कैसे करें ? सच कहूं तो सवाल पूछना व्यक्ित का स्वाभाव है। कुछ लोग सवाल इस लिए पूछते हैं कि सामने वाले की निगाह में उनकी उपस्िथति दर्ज हो सके। कुछ लोग सवाल इसलिए पूछते हैं, ताकि आप उनको मूर्ख न समझ बैठें एवं कुछ लोग स्वाभाव के कारण सवाल पूछते हैं, जिनके पीछे पूछने का कारण पूछने वाले को भी पता नहीं होता। जैसे कि ज्यादातर महिलाएं सब्जी लेते वक्त सब्जी वाले से पूछती हैं, भाई साहेब सब्जी ताजी तो है ना, यह बाताइए के उसने वासी कहकर अपना धन्धा चौपट करना है या फिर जब आप भोजर कर रहें होते तो आप के घर आया व्यक्ित कहता है, क्या आप खाना खा रहे हैं?
उपस्िथति दर्ज करवाने के लिए ज्यादातर लोग भीड़ में ऐसे प्रश्न करते हैं, जिनके उत्तर देने की शायद कोई जरूरत नहीं होती, सवालों के जवाब तो स्यवं को ढूंढ़ने होते हैं। आप किसी से पूछोगे कि भाई साहेब आपकी कंपनी पूर्ण रूप से इमानदार है, तो सामने वाला उत्तर में क्या कहेगा, यह तो सब को पता है। जी बिल्कुल इमानदार है, वो ऐसे थोड़ी न कहेगा कि उसकी कंपनी दुनिया की नम्बर वन करप्ट कंपनी है। इस लिए सवालों से मत डरिए, सवाल पूछना मानव का स्वाभाव है, इससे उसको गौरव महसूस होता है। सही व्यक्ित केवल फैसले लेते हैं, सवाल नहीं करते। स्वयं अच्छे बुरे का विशलेषण करें एवं बाद में फैसला करें करना है या नहीं, क्योंकि दुविधा हार की पहली निशानी है।
उपस्िथति दर्ज करवाने के लिए ज्यादातर लोग भीड़ में ऐसे प्रश्न करते हैं, जिनके उत्तर देने की शायद कोई जरूरत नहीं होती, सवालों के जवाब तो स्यवं को ढूंढ़ने होते हैं। आप किसी से पूछोगे कि भाई साहेब आपकी कंपनी पूर्ण रूप से इमानदार है, तो सामने वाला उत्तर में क्या कहेगा, यह तो सब को पता है। जी बिल्कुल इमानदार है, वो ऐसे थोड़ी न कहेगा कि उसकी कंपनी दुनिया की नम्बर वन करप्ट कंपनी है। इस लिए सवालों से मत डरिए, सवाल पूछना मानव का स्वाभाव है, इससे उसको गौरव महसूस होता है। सही व्यक्ित केवल फैसले लेते हैं, सवाल नहीं करते। स्वयं अच्छे बुरे का विशलेषण करें एवं बाद में फैसला करें करना है या नहीं, क्योंकि दुविधा हार की पहली निशानी है।